शांति मानव कल्याण का आधार - श्री विक्की नागपाल

लाडनूँ, 20 सितम्बर 2024। जैन विश्व भारती संस्थान के अहिंसा एवं शांति विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया,जिसमें लाडनूं के उप पुलिस अधीक्षक विक्की नागपाल मुख्य वक्ता रहे। सर्वप्रथम स्वागत वक्तव्य व विषय प्रवर्तन डॉ. रविंद्र सिंह राठौड़ ने प्रस्तुत किया,जिसमें उन्होंने सभी का स्वागत करते हुए अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस मनाए जाने के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। विश्व शांति की दिशा में किए गए प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय स्तर पर शांति स्थापित करने के लिए बनाए गए संगठनों का उल्लेख किया। मुख्य वक्ता श्री विक्की नागपाल नें अपने उद्बोधन में बताया कि जिस समाज में शांति एवं व्यवस्था रहती है, वह प्रगति करता है और उससे मानव कल्याण को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने अपने उद्बोधन में यह भी बताया कि समाज में शांति व्यवस्था बनाए रखना पुलिस प्रशासन का प्रमुख दायित्व है । पुलिस प्रशासन इस हेतु हमेशा सक्रिय भी रहता है। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस महकमे में शांति स्थापना करने के लिए समाज में शांति स्थापना बनाए रखने के लिए गठित की जाने वाली शांति समिति एक महत्वपूर्ण आधार होती है। इध समितियों के माध्यम से समाज में शांति व्यवस्था बनाए रखने में काफी सहयोग मिलता है । विभागाध्यक्ष डॉ. बलबीर सिंह ने अपने उद्बोधन में बताया कि शांति एवं अशांति दो मानव स्वभाव के सहज लक्षण है,यदि प्रत्येक मनुष्य शांति बनाए रखने का भाव अपने विचारों में समाहित कर ले तो व्यक्तिगत स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक शांति बनाए रखना सहज एवं आसान हो जाता है। समाज का प्रत्येक व्यक्ति सह-अस्तित्व के भाव को स्वीकार कर ले तो हिंसा के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। विभाग की सहायक आचार्य डॉ. लिपि जैन नें आभार व्यक्त करते हुए इस बात पर जोर दिया कि शांति स्थापित करने का प्रयास व्यक्ति को स्वयं से शुरू करना चाहिए। यदि प्रत्येक व्यक्ति इस दिशा में अग्रसर होगा तो स्वतरू ही समाज में शांति बढ़ावा मिलेगा। अतः हमें इस पुनीत कार्य की शुरुआत खुद से करनी चाहिए। कार्यक्रम का शुभारंभ मंगल-संगान से हुआ जिसमें विभाग की छात्रा टीना, मुस्कान एवं सारा ने प्रस्तुति दी। छात्रा जीनत बानो ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन विभाग के विद्यार्थी नरेंद्र सिंह राठौड़ ने किया। इस कार्यक्रम में संस्थान के संकाय सदस्य,शोधार्थी एवं विद्यार्थी भी उपस्थित रहे। प्रतिभागियों की संख्या 80 के करीब रही।

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